Artwork

Contenuto fornito da Krishi Jagran. Tutti i contenuti dei podcast, inclusi episodi, grafica e descrizioni dei podcast, vengono caricati e forniti direttamente da Krishi Jagran o dal partner della piattaforma podcast. Se ritieni che qualcuno stia utilizzando la tua opera protetta da copyright senza la tua autorizzazione, puoi seguire la procedura descritta qui https://it.player.fm/legal.
Player FM - App Podcast
Vai offline con l'app Player FM !

अमित शाह का बड़ा ऐलान, 'बनेगी हमारी सरकार, तो मिलेंगे 70 लाख किसानों को 18 हजार रूपए'

4:03
 
Condividi
 

Manage episode 313492463 series 3273032
Contenuto fornito da Krishi Jagran. Tutti i contenuti dei podcast, inclusi episodi, grafica e descrizioni dei podcast, vengono caricati e forniti direttamente da Krishi Jagran o dal partner della piattaforma podcast. Se ritieni che qualcuno stia utilizzando la tua opera protetta da copyright senza la tua autorizzazione, puoi seguire la procedura descritta qui https://it.player.fm/legal.

हिंदुस्तान की सियासत में उस वक्त किसानों का किरदार अहम हो जाता है, जब देश में चुनाव आते हैं. उस वक्त किसानों से सियासी नुमाइंदों का मिलना- जुलना अपने चरम पर पहुंच जाता है. सब जानते हैं कि भारत के किसान शुरू से ही भारतीय राजनीति की दिशा तय करते हुए आए हैं. हम यह इसलिए कह रहे हैं, चूंकि अभी बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी कुछ ऐसा ही हो रहा है.

गौरतलब है कि आने वालें कुछ महीने में बंगाल में चुनाव होने वाले है. बात करें, बंगाल के सियासत की तो अभी वहां सियासी पारा अपने चरम पर है. आलम यह है कि कल तक वीरान रहने वाली गलियां अब सियासी नुमाइंदों की आमद से गुलजार हो रही हैं. बड़े-बड़े सियासी सूरमा सूबे की जनता जानार्दन को रिझाने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. एक ऐसा ही दांव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी रैली के दौरान मतदाताओं को रिझाने के लिए चला है. दरअसल उन्होंने अपने चुनावी रैली के दौरान कहा कि अगर हमारी सरकार बंगाल में फतह पाने में सफल रही, तो प्रदेश के किसानों को 'किसान सम्मान निधि योजना' का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. बता दें कि मौजूदा वक़्त में किसानों को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते बंगाल के किसान केंद्र सरकार की इस योजना से वंचित हो रहे हैं.

हालांकि, कई बार केंद्र की सरकार ममता सरकार पर इस मसले को लेकर हमलावर रही हैं, लेकिन अब ऐसे मौके पर जब प्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने जा रहा है, तो फिर अमित शाह ने यह उक्त ऐलान करके बड़ा दांव चल दिया है. खैर, अब शाह का यह दांव कहां तक सफल हो पाता है, यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इससे पहले हम आपको बता दें कि आखिर यह किसान 'सम्मान निधि योजना' क्या है, और इसका किसानों से कैसे और क्यों सरोकार है?

'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' क्या है?

दरअसल केंद्र सरकार ने देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिए 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' की शुरूआत साल 2018 में की थी. इस योजना के तहत उन सभी किसानों को हर साल 6000 रूपए दिए जाते हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है. 6000 रूपए की यह राशि दो- दो हजार रुपए तीन किस्तों में किसानों के खातों में भेजी जाती है. गौरतलब है कि जब यह योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी, उस वक्त विपक्षी दलों के कई सियासी नुमाइंदों ने सरकार की इस योजना की आलोचना की थी, जिसके चलते कई गैर-बीजेपी शासित दलों के राज्यों ने इस योजना को अपने प्रदेश में लागू करने से साफ इनकार कर दिया था, इसमें बंगाल भी शामिल है, लेकिन अब जब प्रदेश में कुछ महीने के बाद चुनाव होने जा रहे हैं, तो अमित शाह ने यह कहकर प्रदेशवासियों को रिझाने का काम किया है अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है, तो सभी किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिलेगा.

गौरतलब है कि अब तक बंगाल के किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है, जिसके चलते वहां के किसानों को आर्थिक रूप से बहुत नुकसान हुआ है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक, बंगाल के 70 लाख किसानों को 9हजार 6 सौं 60 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है. हालांकि, राज्य के कई किसानों ने केंद्र सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन सत्यापन का काम राज्य सरकार का होता है, जिसके चलते राज्य के लाखों किसान केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाने से वंचित रह गए.

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए साफ कह दिया है कि अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है, तो पिछले दो सालों की बकाया राशि 6 हजार के साथ-साथ 2 हजार रूपए की अतरिक्त राशि भी प्रदान की जाएगी.

--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message
  continue reading

50 episodi

Artwork
iconCondividi
 
Manage episode 313492463 series 3273032
Contenuto fornito da Krishi Jagran. Tutti i contenuti dei podcast, inclusi episodi, grafica e descrizioni dei podcast, vengono caricati e forniti direttamente da Krishi Jagran o dal partner della piattaforma podcast. Se ritieni che qualcuno stia utilizzando la tua opera protetta da copyright senza la tua autorizzazione, puoi seguire la procedura descritta qui https://it.player.fm/legal.

हिंदुस्तान की सियासत में उस वक्त किसानों का किरदार अहम हो जाता है, जब देश में चुनाव आते हैं. उस वक्त किसानों से सियासी नुमाइंदों का मिलना- जुलना अपने चरम पर पहुंच जाता है. सब जानते हैं कि भारत के किसान शुरू से ही भारतीय राजनीति की दिशा तय करते हुए आए हैं. हम यह इसलिए कह रहे हैं, चूंकि अभी बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी कुछ ऐसा ही हो रहा है.

गौरतलब है कि आने वालें कुछ महीने में बंगाल में चुनाव होने वाले है. बात करें, बंगाल के सियासत की तो अभी वहां सियासी पारा अपने चरम पर है. आलम यह है कि कल तक वीरान रहने वाली गलियां अब सियासी नुमाइंदों की आमद से गुलजार हो रही हैं. बड़े-बड़े सियासी सूरमा सूबे की जनता जानार्दन को रिझाने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. एक ऐसा ही दांव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी रैली के दौरान मतदाताओं को रिझाने के लिए चला है. दरअसल उन्होंने अपने चुनावी रैली के दौरान कहा कि अगर हमारी सरकार बंगाल में फतह पाने में सफल रही, तो प्रदेश के किसानों को 'किसान सम्मान निधि योजना' का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. बता दें कि मौजूदा वक़्त में किसानों को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते बंगाल के किसान केंद्र सरकार की इस योजना से वंचित हो रहे हैं.

हालांकि, कई बार केंद्र की सरकार ममता सरकार पर इस मसले को लेकर हमलावर रही हैं, लेकिन अब ऐसे मौके पर जब प्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने जा रहा है, तो फिर अमित शाह ने यह उक्त ऐलान करके बड़ा दांव चल दिया है. खैर, अब शाह का यह दांव कहां तक सफल हो पाता है, यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इससे पहले हम आपको बता दें कि आखिर यह किसान 'सम्मान निधि योजना' क्या है, और इसका किसानों से कैसे और क्यों सरोकार है?

'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' क्या है?

दरअसल केंद्र सरकार ने देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिए 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' की शुरूआत साल 2018 में की थी. इस योजना के तहत उन सभी किसानों को हर साल 6000 रूपए दिए जाते हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है. 6000 रूपए की यह राशि दो- दो हजार रुपए तीन किस्तों में किसानों के खातों में भेजी जाती है. गौरतलब है कि जब यह योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी, उस वक्त विपक्षी दलों के कई सियासी नुमाइंदों ने सरकार की इस योजना की आलोचना की थी, जिसके चलते कई गैर-बीजेपी शासित दलों के राज्यों ने इस योजना को अपने प्रदेश में लागू करने से साफ इनकार कर दिया था, इसमें बंगाल भी शामिल है, लेकिन अब जब प्रदेश में कुछ महीने के बाद चुनाव होने जा रहे हैं, तो अमित शाह ने यह कहकर प्रदेशवासियों को रिझाने का काम किया है अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है, तो सभी किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिलेगा.

गौरतलब है कि अब तक बंगाल के किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है, जिसके चलते वहां के किसानों को आर्थिक रूप से बहुत नुकसान हुआ है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक, बंगाल के 70 लाख किसानों को 9हजार 6 सौं 60 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है. हालांकि, राज्य के कई किसानों ने केंद्र सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन सत्यापन का काम राज्य सरकार का होता है, जिसके चलते राज्य के लाखों किसान केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाने से वंचित रह गए.

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए साफ कह दिया है कि अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है, तो पिछले दो सालों की बकाया राशि 6 हजार के साथ-साथ 2 हजार रूपए की अतरिक्त राशि भी प्रदान की जाएगी.

--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message
  continue reading

50 episodi

Όλα τα επεισόδια

×
 
Loading …

Benvenuto su Player FM!

Player FM ricerca sul web podcast di alta qualità che tu possa goderti adesso. È la migliore app di podcast e funziona su Android, iPhone e web. Registrati per sincronizzare le iscrizioni su tutti i tuoi dispositivi.

 

Guida rapida